गुरुवार, 21 फ़रवरी 2008

संघं शरणं गच्‍छामी

जब दुनि‍या से प्‍यार उठे
नफरत की दिवार उठे
धरती की काया कापे
अंबर डगमग उठे डोल
तब मानव तू मुख से बोल
बुद्धं शरणं गच्‍छामी
धम्‍मं शरणं गच्‍छामी
संघं शरणं गच्‍छामी

घबराये जब मन अनमोल
और हृदय हो डावाडोला
तब मानव तू मुख से बोल
बुद्धं शरणं गच्‍छामी
धम्‍मं शरणं गच्‍छामी
संघं शरणं गच्‍छामी

लाल लहू का काल उठे
हिंसा की कोई आग उठे
मानव में पशु जाग उठे
उपर से मुसकाते
भीतर सहज से तु बोल
तब मानव तू मुख से बोल
बुद्धं शरणं गच्‍छामी
धम्‍मं शरणं गच्‍छामी
संघं शरणं गच्‍छामी

- गायक : मन्‍नाडे
- चित्रपट: अंगुलीमाल